Poet: Anonymous
जो पढ़ सके न खुद किताब मांग रहे है,
खुद रख न पाए वे हिसाब मांग रहे है।
जो कर सके न साठ साल में कोई विकास वे
सौ दिनों में ही जवाब मांग रहे है !
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आज गधे गुलाब मांग रहे है, चोर लुटेरे इन्साफ मांग रहे है।
जो लुटते रहे देश को 60 सालों तक,
सुना है आज वो 1OO दिन का हिसाब मांग रहे है !
जब 3 महीनो में पेट्रोल की कीमते 7 रुपये तक कम हो जाये,
जब जब 3 महीनो में डॉलर 68 से 60 हो जाये,
जब 3 महीनो में सब्जियों की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में सिलिंडर की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में बुलेट ट्रैन जैसे टेन् भारत में चलाये
जाने को सरकार की हरी झंडी मिल जाये,
जब 3 महीनो में सभी सरकारी कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुचने लग जाये,
जब 3 महीनो में काले धन पर एक कमिटी बन जाये,
जब 3 महीनो में पाकिस्तान को एक करारा जवाब दे दिया जाए,
जब 3 महीनो में भारत के सभी पडोसी मुल्को से रिश्ते सुधरने लग जाये,
जब 3 महीनो में हमारी नगरी काशी को स्मार्ट सिटी बनाने जैसा प्रोजेक्ट पास हो जाये,
जब 3 महीनो में विकास दर 2 साल में सबसे ज्यादा हो जाये,
जब हर गरीबो के उठान के लिए जन धन योजना पास हो जाये.
जब इराक से हज़ारो भारतीयों को सही सलामत वतन वापसी हो जाये !
तो भाई अछे दिन कैसे नहीं आये ???
वो रस्सी आज भी संग्रहालय में है जिससे गांधी बकरी बांधा करते थे
किन्तु वो रस्सी कहां है जिस पे भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु हसते हुए झूले थे?
“ हालात.ए.मुल्क देख के रोया न गया…
कोशिश तो की पर मूंह ढक के सोया न गया“.
देश मेरा क्या बाजार हो गया है …
पकड़ता हु तिरंगा तो लोग पूछते है कितने का है…
वर्षों बाद एक नेता को माँ गंगा की आरती करते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की समाधियों पर फूल चढ़ाते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को अपनी मातृभाषा में बोलते देखा है,
वरना अब तक रटी रटाई अंग्रेजी बोलते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को Statue Of Unity बनाते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की मूर्तियां बनाते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को संसद की माटी चूमते देखा है,
वरना अब तक इटैलियन सैंडिल चाटते देखा है !!!
वर्षों बाद एक नेता को देश के लिए रोते देखा है,
वरना अब तक “मेरे पति को मार दिया“ कह कर
वोटों की भीख मांगते देखा है।
पाकिस्तान को घबराते देखा है,
अमेरिका को झुकते देखा है।
इतने वर्षों बाद भारत माँ को खुलकर मुस्कुराते देखा है।
Wow! Captures mood and cites reality. Well written
Perfect
Marvelous !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
बहोत खूब । वाहव्वा
बहोत खुब!
और ये तो सिर्फ शुरुआत है, हर महिने इस कविता में दस पंक्तीया जुड जायेगी. और फिर जब हम पांच साल के बाद इसे पढे तो शायद अपने आप में अनुठा दीर्घ काव्य साबित हो सकता है!
Every line makes a true Indian proud. Karodo dillo ki baat kahi hai. Jo kah nahi sakte dill ki baat unko shabd diye hai.
बहुत खूब, बहुत अच्छी कविता
अति सुंदर ! सच में इतने वर्षों बाद हमने भी भारत माँ को खुलकर मुस्कुराते देखा है !
its really touch my heart…